08 Apr. Surat: सरकार चाहे कुछ भी कहे लेकिन श्मशान कभी झूठ नहीं बोलता। इस बात का सच जानना चाहते हो तो सूरत शहर के उमरा श्मशान गृह की ये तसवीरें देख सकते हैं। यहां कोरोना से हो रही मौतों की सही हकीकत देखी जा सकती है। चौंकाने वाली बात ये है कि गुरुवार सुबह से दोपहर तक में ही यहां 40 शव पहुंच चुके हैं। इसके चलते शव के साथ परिजन 3 से 4 घंटे इंतजार करते रहे। यहां 15 मिनट में ही 3 एंबुलेंस से 9 शव लाए गए। यही नहीं एक एंबुलेंस में 6 शव रखे हुए पाए गए थे।
सरकारी आंकड़ों का मायाजाल
प्रशासन के अनुसार सूरत में कोरोना से रोज 5 से 8 मौंतें दर्ज हो रही हैं। हकीकत यह है कि कोविड प्रोटोकॉल से रोज 100 से ज़्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। श्मशान गृहों में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला रहा है। यही हाल अश्विनी कुमार श्मशान गृह का भी जहां, तीन-चार एंबुलेंस रोजाना 3-4 फेरे लगा रही हैं। वहीं बुधवार की बात करें तो एक ही एंबुलेंस से 6 शव भेजे गए थे। जिन मृतकों के शव वहां रखे हुए थे उनमें से कई के परिजनों को तो पता ही नहीं चल रहा था कि उनके रिश्तेदार का शव कौन सा है।
शहर के श्मशान में शवों की ऐसी भीड़ कि अब बारडोली भेजने लगे
शहर के श्मशान भूमि में वेटिंग बढ़ने के कारण बुधवार को प्रशासन ने कोरोना से मरने वालों का बारडोली के श्मशान में अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। शाम को 5 शव दाह संस्कार के लिए भेजे गए। बारडोली के प्रांत अधिकारी वीएन रबारी और जिला पंचायत अध्यक्ष भावेश पटेल ने श्मशान का दौरा कर ट्रस्ट के अध्यक्ष सोमाभाई पटेल से चर्चा की। श्मशान के संचालक भरतभाई शाह ने बताया कि ट्रस्ट ने शहर के 5 शवों के दाह संस्कार करने का निर्णय लिया है।
तो वहीं अपने शवों की लम्बी कतारें और परिजन के शव को खोजने के लिए भी कतारें लगी हुई हैं।
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