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Tuesday, November 19   2:34:09

नहीं भूले हैं हम वो दिन…न भूलेंगे..

14 फरवरी, 2019…आखिर इस तारीख को कौन भूल सकता है? यह वही दिन था, जब जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर तेजी से आगे बढ़ रहे CRPF जवानों के काफिले पर आत्मघाती आतंकी हमला हुआ और भारत के 40 वीर जवान शहीद हो गए। पुलवामा जिले के आवंतिपोरा के पास लेथपोरा इलाके में हुए हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसके बाद भारत ने महज 12 दिनों में ही ‘नापाक’ पाक से बदला ले लिया। भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था। पुलवामा हमले के बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ देशभर में गुस्से का माहौल था।

दरअसल, पुलवामा में नेशनल हाईवे पर जा रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के काफिले पर आतंकवादियों ने छिपकर निशाना बनाया। 14 फरवरी, 2019 की दोपहर के वक्त 300 किलो विस्फोटक से लदी गाड़ी ने सीआरपीएफ वाहन को टक्कर मारकर काफिले को उड़ा दिया था। आतंकी हमले के बाद जवानों को नजदीक के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, लेकिन मौके पर ही बड़ी संख्या में जवानों ने दम तोड़ दिया था। घटना के चंद मिनटों के बाद ही पूरी दुनिया में इसकी निंदा की जाने लगी। इस घटना को अंजाम देने वाले हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था। इसके अलावा, हमले में सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान आदि जैसे आतंकियों के भी हाथ थे, जिसे बाद में सेना ने मौत के घाट उतार दिया। मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की, जिसमें उसने साढ़े 13 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।

पुलवामा आतंकी हमले के बाद देशभर में माहौल गमगीन था। भारत के वीर सपूतों को खोने के बाद लगभग हर कोई जल्द-से-जल्द हमले के पीछे रहने वाले आतंकियों से बदला लेना चाहता था. सीआरपीएफ ने भी कहा था कि हमले के जिम्मेदारों को वह न माफ करेगा और न ही भूलेगा। सीआरपीएफ ने ट्वीट किया, ”न माफ करेंगे, न भूलेंगे।” शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को वायुसेना के विशेष विमान द्वारा पालम वायुसेना इलाके में लाया गया जहां पर तत्कालीन गृह मंत्री और वर्तमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े मंत्री मौजूद थे। शहीदों के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्थिव शरीर की परिक्रमा करते हुए शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने सिर्फ 12 दिनों के भीतर ही इसका बदला ले लिया था। 26 फरवरी, 2019 को रात के तकरीबन तीन बजे भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) को पार करके बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को धवस्त कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में पाकिस्तान द्वारा पोषित 300 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया। एयरस्ट्राइक में तकरीबन हजार किलो बम आतंकी ठिकानों पर बरसाए गए थे। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से बदला लेने का प्लान बनाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनएसए अजित डोभाल को दी थी। उनके अलावा, तत्कालीन वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने भी एयरस्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी।