27 Feb. Godhra: 27 फरवरी 2002, वो दिन जब गुजरात नफरत की आग में जल रहा था। 19 साल पहले 2002 में आज ही के दिन गोधरा कांड हुआ था। इसके बाद 27 फरवरी का दिन एक दुखद घटना के साथ इतिहास का वो हिस्सा बन गया जो कभी भुलाया नहीं जा सकता। गुजरात के गोधरा स्टेशन से रवाना हो रही साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की एक बोगी में हिंसक और उन्मादी भीड़ ने आग लगा दी थी। इस घटना में अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे।
दरअसल उस दिन साबरमती एक्सप्रेस से हिंदू तीर्थयात्री अयोध्या से वापस लौट रहे थे। 27 फरवरी 2002 को ट्रेन गुजरात के पंचमहल जिले में पड़ने वाले गोधरा स्टेशन पहुंची। ट्रेन जैसे ही रवाना होने लगी थी कि किसी ने चेन खींचकर गाड़ी रोक ली और फिर पथराव के बाद ट्रेन के एक डिब्बे को आग के हवाले कर दिया गया। S-6 वो कोच था जिसमें अग्निकांड की घटना में 59 लोगों की मौत हो गई थी।
अयोध्या से वापस लौट रही थी श्रद्धालुओं से भरी ट्रेन मातम की ट्रैन में तब्दील हुई
2002 में अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद की तरफ से फरवरी 2002 में पूर्णाहुति महायज्ञ का आयोजन किया गया था। अयोध्या से बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां गए थे। 25 फरवरी 2002 को अहमदाबाद जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में करीब 1700 श्रद्धालु और कारसेवक सवार हुए थे। ट्रेन 27 फरवरी की सुबह 7 बजकर 43 मिनट पर गोधरा स्टेशन पहुंची। जैसे ही ट्रेन रवाना होने लगी, चेन पुलिंग की वजह से सिग्नल के पास ट्रेन रुक गई। और फिर बड़ी संख्या में भीड़ ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया था।
गोधरा कांड के बाद पूरे गुजरात में दंगे हुए
गोधरा कांड में 1500 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी और जान-माल का भारी नुकसान हुआ। कसी लोगों की इसमें जानें भी चली गयीं। हालात इस कदर बिगड़े कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जनता से शांति की अपील करनी पड़ी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दंगों में करीब-करीब 1200 लोगों की मौत हुई थी।
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