02 Feb. Vadodara: महाराष्ट्र में यवतमाल जिले से एक बड़ी घटना सामने आयी है। यवतमाल जिले के कापसिकोपरी गांव में 12 बच्चों को पोलियो की बूंदों की जगह सैनिटाइजर के ड्रॉप पिला दिए गए। सभी बच्चों की उम्र पांच साल से कम की बताई गई है। उल्टी और बेचैनी की शिकायत के बाद इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। उनकी हालत स्थिर है। डॉक्टरों की टीम इनकी सेहत पर नज़र बनाये हुए हैं।
इस मामले में भानबोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक डॉक्टर, एक आंगनबाड़ी सेविका और एक आशा कार्यकर्ता के खिलाफ जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। यवतमाल के सोशल एक्टिविस्ट किशोर तिवारी ने कहा है, ‘वे स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से मुलाकात करेंगे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।’
दरहसल, यह मामला रविवार का है। इसके अगले दिन सोमवार को जब पोलियो अभियान वाली टीम को बताया गया तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने दूसरी बार में पोलिया की दवा पिलाई। जो बच्चे बीमार हुए हैं, उनके नाम हैं- गिरम गेदाम, तनुज गेदाम, योगश्री गेदाम, हर्ष मेश्राम, राधिका मेश्राम, निशा मेश्राम, प्राची मेश्राम, माही मेश्राम, आस्था मेश्राम, वेदांत मेश्राम और भावना अर्के।
जिला परिषद के CEO श्रीकृष्ण पांचाल ने कहा कि, ‘यह एक बड़ी लापरवाही है। पोलियो वैक्सीन की बोतल पर वायरल मॉनिटर वाले स्क्वायर बने होते हैं। इनका विशेष रंग होता है। ऐसे में यह लापरवाही कैसे हो गई, इसकी जांच होगी। यह भी देखा जाएगा कि बच्चों को दवा पिलाने वाले स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई थी या नहीं?’
यूँ तो भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है। और यहां 10 साल से कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया है। आखिरी केस 13 जनवरी 2011 को दर्ज किया था। हालांकि, सतर्कता अभी भी बरती जा रही है, क्योंकि पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो के केस आना अभी भी जारी हैं। इसी के तहत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर 2021 के लिए राष्ट्रीय पोलियो अभियान की शुरूआत की है।
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