गुजरात के कच्छ में सफेद रण में रण उत्सव की भव्य शुरुआत हो गई है जिसे देखने के लिए लाखों की संख्या में सैलानी कच्छ पहुंचे हैं।
विश्व प्रसिद्ध कच्छ के सफेद रेगिस्तान में 10 नवंबर से रण उत्सव शुरू हो गया चुका है, कच्छ का पर्यटन क्षेत्र कच्छ के विश्व फलक पर पहुंच गया है। कच्छ का रण पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह बन गया है।कच्छ की कला, संस्कृति, परंपरा का संगम का मतलब रण उत्सव है।
विश्व प्रसिद्ध धोरडो गांव के सफेद रेगिस्तान Rann Utsav The Tent City शुरू हो चुका है, जो 25 फरवरी तक चलेगा, पहले ही दिन विदेशी समेत स्थानीय पर्यटक टेंट सिटी का लुफ्त उठाने उमड़ पड़े हैं, टेंटसीटी प्रबंधक अमित गुप्ता ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा विश्व के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार मिलने से इस वर्ष धोरडो में अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा। धोलावीरा को पहली बार पैकेज में शामिल किया गया है, जो रोड टू हेवन के कारण भी लोकप्रियता हासिल कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष से प्लास्टिक का उपयोग न्यूनतम किया जा रहा है। पहली बार टेंट सिटी में प्लास्टिक की जगह लकड़ी के इस्तेमाल का प्रयोग पर ज्यादा जोर दिया गया है , साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों और साइकिलों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है , जिससे Eco india के सपने में योगदान दिया जाए।
सफेद रेगिस्तान में पर्यटक खूबसूरत नजारा देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक यहां आते है। रणोत्सव में करीब 350 टेंट लगाए गए हैं। जिसमें दरबारी और रजवाड़ी टेंट पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है, रणोत्सव इतना आकर्षक हैं हर साल लाखों की तादात में लोग यहां घूमने आते है , सफेद रेगिस्तान में आने वाले पर्यटकों के चलते गुजरात पर्यटन विभाग और राज्य सरकार को करोड़ों रुपए की आय टूरिज्म के जरिए मिलती है , रणोत्सव कच्छ और गुजरात की पहचान बन गया है, इस साल रण उत्सव में पारंपरिक कला के हस्तशिल्प स्टॉल लगाए गए हैं..सफेद रेगिस्तान का आनंद लेने के लिए विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी एक अलग अनुभव हो रहा है।
कच्छ के धोरडो को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा विश्व के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार दिया गया है तभी देश के अलग अलग राज्य से भरी तादात में लोग धोरडो को देखने पहुंचे है।
गौरतलब है की Rann utsav 2022-23 सीजन में G20 टूरिज्म मीट का आयोजन किया गया था और विदेश डेलीगेट्स का भी Rann Utsav ने मनमोह लिया था।
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