पश्चिम बंगाल की राजधानी ढाका में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी पर बढ़ते विवाद के बीच बांग्लादेश के मुख्य वकील मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल इस्लाम ने आश्वासन दिया है कि देश में हिंदू समुदाय सुरक्षित है और यहां अल्पसंख्यकों को कोई खतरा नहीं है। इस्लाम ने एक इंटरव्यू में साफ किया है कि, ‘बांग्लादेश सरकार का इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (Iskcon) पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है। मुझे इस मामले की सुनवाई के बारे में नहीं पता लेकिन बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।’
यह बयान ऐसे समय आया है जब इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद हिंदू संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज हो गई है। बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के बीच हिंसा की हालिया घटना पर बोलते हुए, इस्लाम ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदू समुदाय सुरक्षित है। व्यवस्थित स्तर पर गलत सूचना फैलाई जा रही है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं, आएं और जमीनी स्थिति देखें। वहां हिंसा हुई थी।” पहले कुछ दिन लेकिन, अब स्थिति नियंत्रण में है।” इस्लाम ने आगे कहा कि चिन्मय कृष्ण दास को निष्पक्ष न्याय मिलेगा और सरकार इस दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
भारत के बयान पर प्रतिक्रिया
भारत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्लाम ने इसे आंतरिक मामला बताया और कहा, ‘नई दिल्ली को इस मामले पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। भारत सरकार को बयान नहीं देना चाहिए था। यह हमारा आंतरिक मामला है। हम भारत में होने वाली घटनाओं पर कभी टिप्पणी नहीं करते।’
भारत ने मंगलवार को चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, “हम चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उनकी जमानत से इनकार पर बेहद चिंतित हैं।”
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