19 Feb. Vadodara: पिछले करीब 25 सालों से बड़ोदरा में लगभग सभी वार्ड्स में बीजेपी का दबदबा है। जब से नरेंद्र मोदी 2001 में मुख्यमंत्री बने ,तब से लोगों के दिलों में भारतीय जनता पार्टी के प्रति प्रेम जागा। और गुजरात मोदीमय, भाजपामय बन गया ।उस समय से वडोदरा समेत राज्यों के स्थानीय स्वराज के चुनाव में भी भाजपा का प्रभाव पड़ा। पिछले करीब 25 सालों से भाजपा का प्रभाव रहा है। लेकिन कांग्रेस ने टक्कर देने में कोई कमी नहीं रखी है। इतने सबल शासक पक्ष के बावजूद आम नागरिक सड़क,सफाई और पानी की समस्या से बेहाल है।
वर्ष 2011 से 2015 के 4 सालों में अन्य कामों के साथ-साथ वड़ोदरा को 24 घंटे पानी मुहैया कराने बजेट में प्रोजेक्ट का प्रावधान रखा गया था। लेकिन यह प्रोजेक्ट रिले रेस की तरह फॉरवर्ड होता गया। यह प्रोजेक्ट पिछले 10 सालों से अन्य प्रश्नों के साथ जस का तस है। इस प्रोजेक्ट के लिए 40 करोड़ खर्च हुए, जिसमें पानी के मिटर मंगवाए गए।जिन में से नए विस्तार में 11,000, और पुराने विस्तारों में 16000 मीटर लगवाए गए। लेकिन बाकी 9000 मीटर वीएमसी के स्टोर में पड़े पड़े धूल खा रहे हैं।
इस सब के बावजूद 24 घंटे पानी मुहैया कराने की बात तो दूर रही, प्रशासन आधे घंटे के लिए भी पूरे प्रेशर से शुद्ध पानी मुहैया नहीं करवा पाया।और पानी प्रोजेक्ट के 40 करोड़ रुपए पानी में चले गए है।
वडोदरा महानगर पालिका बाकी सब पालिकाओं की तरह आम नागरिक से पानी, रोड, सफाई आदि के कर लेती है। पर आम आदमी शुद्ध पानी के लिए तरस रहा है और खाडोद्रा बने वड़ोदरा की सड़कों पर चलते चलते फिर गिर जाए ऐसी सड़के हैं। आनन फानन बना दिए गए स्पीड ब्रेकर, और गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं आम नागरिक के लिए रोज की बवाल बन गई है। जहां तक सफाई की बात है, तो आप और हम सभी जानते हैं कि कचरे के ढेर तकरीबन हर विस्तार में नजर आते हैं,जिसको हटाने के लिए पैसे हम महानगर पालिका को टैक्स के रूप में देते है।
More Stories
शाही महल में शुरू हुई पीवी सिंधु की शादी की तैयारियां, इस बड़ी कंपनी के CEO लेंगी सात फेरे
संभल मस्जिद विवाद: हिंसा पीड़ितों से मुलाकात करेंगे राहुल गांधी, सरकार ने बाहरी लोगों के प्रवेश पर लगाई रोक
विनम्रता कितनी जरूरी? करीना कपूर controversy और दिलीप कुमार की सीख