वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 को “लोगों के द्वारा, लोगों का, लोगों के लिए” बजट बताया है। इस बजट में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को टैक्स फ्री कर दिया गया है, लेकिन यह सुविधा केवल नई कर प्रणाली अपनाने वालों को मिलेगी। सरकार ने इस कदम के जरिए नई कर प्रणाली को अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश की है।
लेकिन सवाल उठता है कि क्या नई टैक्स प्रणाली सच में ज्यादा फायदेमंद है? या फिर पुरानी कर प्रणाली अभी भी अधिक बचत दिला सकती है? विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आपकी सालाना आय 13 लाख रुपये या उससे अधिक है, तो पुरानी कर प्रणाली के तहत आपको अधिक कर छूट मिल सकती है, बशर्ते कि आप सभी उपलब्ध टैक्स छूट विकल्पों का सही तरीके से उपयोग करें।
नई और पुरानी टैक्स प्रणाली में कौन ज्यादा फायदेमंद?
उदाहरण: मान लीजिए महेन खन्ना की सालाना आय 13 लाख रुपये है। यदि वह नई टैक्स प्रणाली अपनाते हैं, तो उन्हें 15% टैक्स देना होगा, जो लगभग 75,000 रुपये बनता है, क्योंकि इसमें कोई अतिरिक्त टैक्स छूट नहीं मिलती।
लेकिन अगर महेन पुरानी कर प्रणाली को चुनते हैं, तो वह विभिन्न टैक्स छूट का लाभ उठाकर अपनी कर योग्य आय को कम कर सकते हैं।
₹50,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन
₹3.9 लाख की HRA छूट
अन्य कर छूट के बाद उनकी कर योग्य आय मात्र ₹3.35 लाख रह जाएगी।
अब, पुरानी टैक्स स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता, और 2.5 लाख से 5 लाख के बीच की आय पर केवल 5% टैक्स देना होता है। इस तरह महेन को सिर्फ ₹4,250 का टैक्स देना होगा, जिससे वह नई कर प्रणाली की तुलना में ₹70,750 बचा सकते हैं।
क्या वाकई यह बजट “लोगों का बजट” है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। हालांकि, नई टैक्स प्रणाली को अनिवार्य न करके इसे केवल एक विकल्प के रूप में पेश किया गया है, जिससे करदाताओं को खुद निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिले।
सरकार का नई टैक्स प्रणाली को बढ़ावा देना एक अच्छा कदम है, लेकिन यह हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद नहीं है।मध्यम वर्ग को सही फैसला लेने के लिए दोनों विकल्पों की तुलना करनी चाहिए और फिर यह तय करना चाहिए कि कौन-सा विकल्प उन्हें अधिक बचत दिलाएगा। यदि सरकार वाकई मध्यम वर्ग को राहत देना चाहती है, तो उसे नई टैक्स प्रणाली में भी छूट के विकल्प देने चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनाएं।
अगर आपकी आय 13 लाख रुपये से अधिक है और आप टैक्स बचाने के लिए सभी कर छूट का उपयोग कर सकते हैं, तो पुरानी कर प्रणाली आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। वहीं, जिन लोगों के लिए कर छूट का दावा करना मुश्किल है, उनके लिए नई टैक्स प्रणाली ज्यादा आसान और सुविधाजनक हो सकती है।
तो क्या यह बजट वाकई “लोगों का बजट” है या फिर यह सिर्फ नई टैक्स प्रणाली को बढ़ावा देने का एक प्रयास? आप क्या सोचते हैं? कमेंट में अपनी राय दें!

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