03 Feb. Vadodara: भारत के पड़ोसी देश म्यानमार में सेना ने 1 फरवरी को बलवा कर लोकशाही सत्ता पलट दी है ,और देश के राष्ट्रपति समेत नेताओं की गिरफ्तारी की है।
भारत के पड़ोसी देश म्यानमार में 50 साल तक सेना का शासन लागू रहा ,और 2010 में यहां लोकतंत्र की स्थापना हुई। लेकिन सिर्फ 10 सालों में ही म्यानमार की सेना ने बलवा कर सकता पलट दी है, और देश पर अपना राज स्थापित कर दिया है। अमेरिका ने म्यानमार के सेना के अधिकारियों विरुद्ध प्रतिबंध लगाने की बात कही है। सत्ता पलटे के 2 दिन के बाद भी अब तक म्यानमार की सर्वोच्च नेता आंग सान सू ची और अन्य नेताओं की धरपकड़ कर उन्हें कहां रखा गया है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है ।विश्व भर में म्यांमार की सेना की निंदा हो रही है।
म्यानमार में सेना द्वारा सत्ता हाथ में ले लिए जाने से लोगों में डर का माहौल है। यहां यह उल्लेखनीय है कि आंग सान सू ची की नेशनल फॉर डेमोक्रेटिक पार्टी ने वर्ष 2015 में निष्पक्ष सत्ता हासिल की थी। आंग सान सू ची की सरकार पर रोहिंग्या मुस्लिमों की हत्या के आरोप थे ,इस कारण देश में आपातकालीन स्थिति लादी गई थी। सन दो 2016- 17 में म्यानमार के सेना के उच्च अधिकारी ह्याइंग द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों पर किए गए अत्याचारों को लेकर विश्व भर में इसकी निंदा की गई थी।
अमेरिका ने 2019 में मानव अधिकार के उल्लंघन के लिए हयाइंग पर प्रतिबंध लादे थे। म्यानमार की सेना खुद को देश का राष्ट्रपिता कहती है, और सत्ता पर अपने हक का दावा कर रही है। इस सप्ताह पलटे से म्यानमार एक बार फिर विश्व से शायद अलग हो जाएगा।
More Stories
राहुल गांधी का झारखंड में चुनाव प्रचार: देश के भविष्य पर खड़ा हुआ सवाल!
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के साथ गरमाता महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव, पीएम मोदी की चुनावी हुंकार और विपक्ष पर तीखा वार
CJI डी. वाई. चंद्रचूड़ का आखिरी वर्किंग डे: 45 केस की सुनवाई और 2 साल के कार्यकाल के ऐतिहासिक फैसले