भारत में बर्ड फ्लू के मामलों में वृद्धि हो रही है, और इसी बीच मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पहली बार पालतू बिल्लियों में बर्ड फ्लू (H5N1) का मामला सामने आया है। इसके बाद प्रशासन ने संक्रमित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। इस घटना के बाद प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और बिल्लियों के संपर्क में आने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
यह पहली बार है जब देश में पालतू बिल्लियों में बर्ड फ्लू पाया गया है। छिंदवाड़ा में 18 बिल्लियों की मौत के बाद उनके सैंपल परीक्षण के लिए भेजे गए थे, जिसमें से 3 बिल्लियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।
इस मामले को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने जिले में 30 दिनों के लिए नॉन-वेज, अंडों आदि की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और संक्रमित क्षेत्रों में दुकानों को सील कर दिया गया है। इसके अलावा, बिल्लियों के संपर्क में आए 65 लोगों के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।
बिल्लियों में दिखे लक्षण
भारत में पहली बार पालतू बिल्लियों में बर्ड फ्लू के लक्षण देखे गए हैं। इनमें बुखार, भूख न लगना और सुस्ती जैसे लक्षण प्रमुख थे। परीक्षण में पता चला कि वायरस में 27 बदलाव हुए हैं।
प्रशासन ने जारी किए सख्त आदेश
कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत कड़े आदेश जारी किए हैं। इसके तहत:
पोल्ट्री फार्म के 1 किलोमीटर के दायरे को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया है, जहां सभी चिकन शॉप और पोल्ट्री फार्म पूरी तरह बंद रहेंगे।
10 किलोमीटर के दायरे को सर्विलांस क्षेत्र घोषित किया गया है।
सभी पोल्ट्री फार्म, बैकयार्ड पोल्ट्री, चिकन शॉप और अंडों की दुकानों को प्रतिदिन सैनिटाइज किया जाएगा।
पशु चिकित्सा विभाग और नगर निगम की मदद से संक्रमित क्षेत्र में मौजूद सभी चिकन और उसके उत्पादों को नष्ट किया जा रहा है।
संक्रमित क्षेत्र में चिकन और मुर्गी उत्पादों की बिक्री और परिवहन पर एक महीने के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
लोगों को किया गया अलर्ट
संक्रमित क्षेत्रों में चिकन शॉप के मालिकों और पशुपालकों के परिवारों के सैंपल लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से नॉन-वेज, अंडे आदि का सेवन न करने की अपील की है। इसके अलावा, पालतू जानवरों को कच्चा मांस न खिलाने और बीमार या मृत पक्षियों की जानकारी तुरंत प्रशासन को देने की सलाह दी गई है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, H5N1 वायरस आमतौर पर पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन कुछ बदलावों के कारण यह स्तनधारी जानवरों में भी फैल सकता है। इस वायरस के वेरिएंट के कारण यह चिंता का विषय बना हुआ है। इन्फ्लुएंजा वायरस महामारी फैला सकता है, जैसा कि कोविड-19 के दौरान देखा गया था। इसलिए सतर्क रहना आवश्यक है।
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