CATEGORIES

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
Wednesday, April 2   8:10:32
How to recognize dyslexia

डिस्लेक्सिया को कैसे पहचाने?

मेरे आठवें लेख में आप ने लनिॅग डिसेबिलिट क्या होती है, उसके कई प्रकार, कारण और किस तरह बच्चों को आगे सफल होनें में दिक्कत होती हैं, यह सब जाना।

इस लेख में हम लनिॅग डिसेबिलिट का पहला प्रकार डिस्लेक्सिया के बारे में जानेंगें।

डिस्लेक्सिया एक सीखने की अक्षमता है, जो मस्तिष्क द्वारा लिखित भाषा को प्रोसेस करने के तरीके को बाधित करता हैं।

डिस्लेक्सिया को विकासात्मक डिस्लेक्सिया भी कहते हैं।

हम बोलना, ध्वनि पहचाना, पढना, लिखना यह एक क्रम और एक उम्र के चलते सिखते हैं, यही पर डिस्लेक्सिया की शुरुआत होती हैं मस्तिष्क के द्वारा बातों को समझने में परेशानी होती हैं।

डिस्लेक्सिया से कैसे बच्चे प्रभावित होते हैं-

1 .धीमी गति से पढना, क्योंकि शब्द समझने में परेशानी होती हैं।

2 . लिखने में कठिनाई होना।

3 . शब्द और अर्थ को याद कर स्मृति मे संग्रहित करने मे कठिनाई होना।

4 . वाक्य बनाने में दिक्कत आना।

डिस्लेक्सिया विकसित होने के कारण-

डिस्लेक्सिया विकसित होने का कोई सही कारण पता नही हैं परन्तु कुछ चीजे हैं जो हमारे मस्तिष्क पर उल्टा प्रभाव लासकती हैं।

1 . वायु और जल प्रदूषण-निकोटीन, मैंगनीज, सीमा जैसे रसायनो और धातु हानि कारक हैं।

2 . जिस घर-परिवार में पढने को प्रोत्साहित न किया जाता हो।

3 .  अनुचित पढ़ाई और सीखाने के तरिके।

डिस्लेक्सिया के लक्षण-

1 . सरल शब्दों को लिखने में कठिनाई।

2 . समान आकार वाले अक्षरों को पहचानने और लिखने में परेशानी जैसे- d,b और p,q.

3 . तुकबंदी में परेशानी होना।

4 . ध्वनि को अक्षरों और शब्दों के साथ जोडने में कठिनाई आना।

5 . जोर से पढने में अनिच्छा प्रकट करना।

ये भी पढ़ें – बच्चे को ऑटिज्म है या एडी एचडी कैसे पता लगाए!

डिस्लेक्सिया का निदान-

डिस्लेक्सिया का इलाज कोई दवाई नहीं हैं। डिस्लेक्सिया वाले बच्चो को हमारी मदद चहिए-

1 .नयी तकनीक से पढ़ाई सिखानी चाहिए।

2 . कौशल विशेषज्ञ कि सहायता ले सकते हैं।

3 . पाठ को धीमा और बार बार समझाते हुए बच्चों को करवाना चाहिए।

4 . स्कूल टीचर के साथ बातचीत और सलाह कर बच्चों के साथ काम करना चाहिए।

5 .बच्चों का एक व्यक्तिगत शिक्षा योजना (IEP)विकसित करना चाहिए।

आप के धैर्य और सहयोग से ही बच्चों को प्रोत्साहन और सहायता मिलेगी, इससे उनके जीवन को कौशल पूर्वक बना सकते हैं।